Tu Ae Ja Au Pahad Lyrics - B. K. Samant I RJ Kaavya
तु ऐ जा औ पहाड़ .
ऊ आंख्युं को काजल , ऊ ह्यून को बादल ,
बुलूमै त्वे तु ऐ जा , ऊ धूप को आँचल ,
सुण यो गंग गाड़ , करमै डाड़ा डाड़ , तु ऐ जा औ पहाड़ ,
बंद यो घर द्वार , लागि र्यांन उजाड़ ,
तु ऐ जा औ पहाड़ .....
च्या रै छ तेरो बाटो , यो तेरी गौं की धार ,
फुलिग्यांन औ फूल , औ ऐ गै छ बाहर ,
कफुवा ले उ पार , करमै डाड़ा डाड़ , तु ऐ और पहाड़ ,
बंद यो घर द्वार , लागि र्यांन उजाड़ ,
तु ऐ जा .......
कमै छ औ यो पीपल , कमै छ डाली - डाली ,
सुनी छ त्यरू बिना , यो होली दिवाली ,
यो घुगूति को त्यार , करमै डाड़ा डाड़ ,तु ऐ जा औ पहाड़ ,
बंद यो घर द्वार , लागि र्यांन उजाड़ ,
तु ऐ जा औ पहाड़ ....
गीतकार
बी. के. सामंत .
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